ताज महोत्सव के मुक्ताकाशीय मंच पर बुधवार की रात को चांद निजामी, शादाब व सोहराब फरीदी के पहुंचते ही दर्शकों की भीड़ बढ़ने लगी। निजामी बंधु ने कोई पुकारे अल्लाह तुझको, कोई कहे भगवान, जिसके मन को जैसा भाए, वैसा तेरा नाम, हाथ खुले तो अल्लाह, हाथ जुड़े तो राम...से शुरुआत की। इसके बाद अमीर खुसरो का कलाम छाप तिलक सब छीनौ, तोसे नैना...पेश करके महफिल को ऊंचाइयों को पहुंचाया। दमादम मस्त कलंदर.... सुनाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
दमादम मस्त कलंदर पर झूम उठे दर्शक