शिव की शरण में शिवभक्त मंगलामुखी सपना, शाप मुक्ति के लिए छठवीं बार कर रहीं जलाभिषेक

महाशिवरात्रि के मौके पर गंगाजल से जलाभिषेक करना महाफलदायी और शुभ माना जाता है। इसी मान्यता के चलते किन्नर जीवन के शाप से मुक्ति पाने के लिए जनपद हाथरस के सादाबाद से अपने कंधे पर कांवड़ उठाए सपना किन्नर लगातार 6 वर्ष से सोरों तक का सफर तय कर रहीं हैं। लहरा गंगाघाट से गंगाजल लेकर सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद सादाबाद के शिवालय में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हैं।
 

शिवभक्त सपना किन्नर के कांधे पर कांवड़ थी, साथ ही एक झोला। कांवड़ देख लोग कौतूहल भरी नजरों से देखकर चर्चा करने लगे लेकिन सपना किन्नर की यह पहली कांवड़ यात्रा नहीं है। वह लगातार छठी बार महाशिवरात्रि पर्व के लिए कांवड़ भरने जा रहीं थीं।

इस बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह मूलरूप से सादाबाद जनपद हाथरस की रहने वाली हैं। सपना के परिवार में माता-पिता और दो भाई हैं, लेकिन वह स्वयं सादाबाद के किन्नरों के साथ रहती हैं।

उन्होंने सादाबाद किन्नर समुदाय की मुखिया लता के सानिध्य में दीक्षा ली है। वो कहती हैं कि शिव से उनका लगाव बहुत पुराना है। वे हर रोज शिव की भक्ति करती हैं। सावन और शिवरात्रि के मौके पर कांवड़ चढ़ाती हैं। सपना शिव में विशेष आस्था रखती हैं और उन्हें विश्वास है कि कालों के काल महाकाल उन्हें इस योनि से भी मुक्ति देंगे।

सैंकड़ों श्रद्धालुओं के बीच शिवभक्त सपना इस कांवड़ यात्रा में एक अलग ही आकर्षण का केंद्र हैं। सादाबाद के ब्राह्मण परिवार में जन्मी 24 वर्षीय सपना अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं।