विजय नगर निवासी ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय के अनुसार करवाचौथ पर 17 अक्तूबर को शाम 8:34 बजे चंद्र दर्शन होंगे। हालांकि, चतुर्थी गुरुवार सुबह 6:49 बजे से शुक्रवार 7:28 बजे तक रहेगी। यानि चतुर्थी तिथि गुरुवार को पूरे दिन रह
जिसमें पूजन का सबसे अधिक शुभ मुहूर्त 5:50 से 7:06 तक का है। वहीं चंद्रमा को 27 नक्षत्रों में रोहिणी नक्षत्र सबसे अधिक प्रिय है, जिसमें करवाचौथ का पूजन किया जाएगा। इस बार चंद्रमा की पूजा करने से पति-पत्नी में प्रेम की वृद्धि करने वाला योग भी बन रहा है।
यह है व्रत की सामग्री
मिट्टी या पीतल का करवा, जल से भरा लोटा, करवा के ढक्कन में रखने के लिए गेहूं, दीपक, हल्दी, पुष्पमाला, चंदन, फल, मिठाई, गंगाजल, चावल, सुहाग पिटारी, प्रसाद के लिए हलवा-पूड़ी-मिठाई, दक्षिणा के लिए रुपये।